चलो एक बार कर के देखें।
सलाखों में से डर के देखें।।
अपनी दुनिया रूखी सही।
धनिया पाउडर भर के देखें।।
कब तक कुएं के मेंढक रहें।
क्यों ना समंदर तर के देखें।।
चोरी की चिंताओं को छोड़।
हम ताले अपने घर के देखें।।
हम सब मिलकर आगे बढ़ें।
राष्ट्र का नेतृत्व कर के देखें।।
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पिटीशनर इन पर्सन)
वरिष्ठ लेखक व पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जिला जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।