बची है जो जिंदगी चलो मज़ा करें।
शनि देखेंगे उन्हें जो हमसे दगा करें।।
सच्चाई का मोल आखिरी क्षणों में।
बस इतना बता दो कैसे सजा करें।।
पूरी दुनिया जाए भाड़ में क्यों कहें।
पवित्र कहां जो रोज़ सजाधजा करें।।
उनसे नहीं बनती हमारी माननीयों।
सत्य मेव जयते पर जो थका करें।।
किस की खुशी और कौन खुश हैं।
इससे अधिक पकाया न पका करें।।
मेरी ग़ज़ल लेख व कुछ अतुकांतें।
प्रहरी की भांति दिन-रात जगा करें।।
चलो तीर्थ यात्राओं का आनन्द लें।
ईश्वरीय कृपा से ध्यान में लगा करें।।
पंगे बहुत हो चुके हैं मेरी सुशीला।
सुनो उठो चलो पुनः कुछ नया करें।।
शांत होकर ग़ज़ल, आलेख लिखें।
भूत को भूलें, बच्चों पर दया करें।।
कुचक्कर में पड़ोगे तो होंगे बर्बाद।
जितना हो सके शांति से बचा करें।।
युद्ध में खड़े चुनौतीपूर्ण है सामना।
अधिकारों हेतु आप याचिका करें।।