साहित्य उनके बाप की सम्पत्ति नहीं है।
और न ही किसी का दिया कोई दान है।।
मेरी इच्छा है कि मैं शुद्ध हिंदी में लिखूॅं।
आलेख या ग़ज़ल साहित्यिक वरदान है।।
शोधकर्ताओं को भी होना पड़ेगा विवश।
लेखकों द्वारा आयोजित विषय प्रधान है।।
शोध स्थानीय लेखकों पर भी करो आप।
आमंत्रित सब और पवित्र जम्मू स्थान है।।
भारतीय हैं हम भी और भारत हमारा है।
मान है सम्मान है हमारा भारत महान है।।
प्रार्थी
इंदु भूषण बाली
व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता (पीटीशनर इन पर्सन)।
वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय लेखक व राष्ट्रीय पत्रकार, राष्ट्रीय चिंतक, आरएसएस का स्वयंसेवक, भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व की लम्बी ग़ज़ल, राष्ट्रभक्ति एवं मौलिक कर्तव्यों के नारों में विश्व कीर्तिमान स्थापितकर्ता
एवं
भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी,
वार्ड अंक 01, डाकघर व तहसील ज्यौड़ियां, जनपद जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पिनकोड 181202।