नींद चैन की सो जाओ प्रभु श्रीराम आए हैं।
जलाऍं हम खुशी के दीप राजाराम आए हैं।।
बहुत बढ़िया है दिन का उजाला आज भी।
प्रकाश पर्व दिवाली अयोध्या धाम आए हैं।।
परन्तु रावण भी कोई कम नहीं थे जिनके।
सम्पूर्ण कुटुम्ब के बंधु उसके काम आए हैं।।
कहानी समाप्त नहीं होती है युद्ध उपरांत।
भाग्य में सौभाग्य सुबह और शाम आए हैं।।
सत्य तो यह भी है कि स्थिति स्पष्ट हो गई।
भविष्य सामने है कि सिर पे चुनाव आए हैं।।
स्वरचित
डॉ इंदु भूषण बाली
ज्यौड़ियॉं (जम्मू)
जम्मू और कश्मीर